यह अक्षम्य है! मुंबई (मुंबई) में होर्डिंग ढहने (होर्डिंग ढहने) से उठी तूफान के लिए जिम्मेदार तूफान-तूफान को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और नष्ट अधिकारी अपनी चामड़ी नहीं बचा सकते। मनपा के निर्मम अधिकारी आम जनता को गाजर मूली तत्व मिलते हैं। उनके लिए जनता की जान की कीमत भी नहीं है। उनका सिर्फ लक्ष्मी दर्शन से मतलब है। सुरक्षा मानक व मानक को पूरी तरह से टेक पर ये अधिकारी होर्डिंग को मंजूरी देते हैं। यह भी न देखें कि इससे क्या प्रभावित होगा, कोई बिल्डिंग नहीं बदलेगी या किसी भड़कीले विज्ञापन पर लोगों का ध्यान भटकने से सड़क दुर्घटना होगी। इस बारे में वे पूरी तरह से धृतराष्ट्र या आंखों के अंधेरे बने हुए हैं। होर्डिंग के आकार और जिले को लेकर वे बेफिक्र रहते हैं।
100 फुट वजनी होर्डिंग के तहत कौन से नियम निर्धारित किए गए हैं? यह जन सुरक्षा से बहुत बड़ी पोस्ट थी। इतना बड़ा बेहद वजनी स्टील का ढांचा जब गिर जाएगा तो उसके नीचे दबने वालों की मौत निश्चित है। कहा जाएगा कि मनपा अधिकारी की मौत के सौदागर बने हुए हैं। जो भी उन्हें मोटा नोट दे देता है, उसे किसी भी आकार की होर्डिंग में अपने मन की जगह पर स्थापित कर दिया जाता है। यह कुप्रबंधन या संस्था का दस्तावेज है। बैस्ट की मत्तीपालिद कर स्तुति या राजनीतिक संप्रदाय से होर्डिंग को मंजूरी दी जाती है।
शहर को अपनी जागीर माँ लक्ष्मी के दर्शन कराते हैं
अधिकारियों ने शहर को अपनी जागीर के बारे में समझा है कि वे जन सुरक्षा की रत्ती भर भी परवाह नहीं करते हैं, जहां भी होर्डिंग उपयोग को मंजूरी देते हैं। इस तरह की कंपनी पर कोई रोकटोक नहीं है। मुंबई के सीज़न से ये अधिकारी नाराज नहीं हैं। हर साल वहाँ बड़ी-बड़ी जगहों में पुराने मकान होते हैं, होर्डिंग धराशायी होती हैं, सड़कें पानी में डूब जाती हैं। अभी तो बेमौसम में ही ये बड़ा हादसा हो गया जिसमें केशानगर के पास बड़ा होर्डिंग डेल से 100 से भी ज्यादा लोग दब गए जिसमें नाली के लिए मदद ली गई। बरात को अस्पताल में भर्ती किया गया। यह चौंकाने वाली बात है कि किसी के वश में होने पर दुर्घटना नहीं होती है, लेकिन इस तरह की जमाखोरी के मामले में ‘ए बॉल मी मार’ को मामला माना जाता है। यदि सड़क किनारे, दस्तावेज़ पर या किसी भी जुड़े हुए वाहन की जगह पर होर्डिंग की गई है तो वह कभी-कभी भी खतरनाक हो सकता है। पोर्टेबल के नट-बोल्ट निर्माता हो सकते हैं, वे जंग लग सकते हैं। तूफ़ानी तूफ़ान और तूफ़ानी बारिश के मौसम की रोकथाम कैसे करें।
अधिकारी व होर्डिंग सुपरस्टार वाले दोनों पर कार्रवाई हो
मनपा के अधिकारी और होर्डिंग धारक दोनों को ही इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार माना जाता है जिन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही पुलिस और प्रशासन की भी खुली छूट के साथ शहर को पाट देने की होर्डिंग पर कब्जा कर लिया जाएगा। होर्डिंग कहां जाए और कहां नहीं, उसका आकार हो और हेटनेंस आदिवासी जिम्मे है, यह सब देखना होगा। कभी-कभी तो किसी नेता के स्वागत की होर्डिंग के बाद भी उसे हटाया नहीं जाता। जिस होर्डिंग का सपोर्ट स्ट्रॉन्ग न हो, वह कभी भी गिर सकता है। यह बात सिर्फ मुंबई की नहीं बल्कि देश के सभी शहरों पर लागू होती है। कितने ही होर्डिंग ऐसी स्थितियाँ हैं कि शहर के ऐतिहासिक स्मारकों को भी ढँक दिया जाता है। इस पर कौन ध्यान देगा? ऐसी वैज्ञानिक योग्यता सहन की नहीं जानी चाहिए।