नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: देश में लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं, लेकिन किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने मुसलमान को लोकसभा के लिए टिकट नहीं दिया। इससे ये साबित होता है कि राष्ट्रीय दल संसद में मुसलमानों को प्रतिनिधित्व करने के लायक नहीं समझते हैं। ये बात ऑल इंडिया मुस्लिम लीग सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद जफर इकबाल ने मोहम्मद अली रोड स्थित मुस्लिम लीग कार्यालय में कही। उन्होंने कहा कि देश का माहौल तनावपूर्ण बनाया जा रहा है। कुछ कौम के लोगों के प्रति नफरत फैलाई जा रही है। पाकिस्तान में हिंदुओं को आम चुनावी प्रक्रिया में राष्ट्रीय दल दरकिनार करते हैं और अब भारत में भी वही होता दिख रहा है।
मोहम्मद जफर इकबाल ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा के लोग चाहते हैं कि देश में तनाव हो, साम्प्रदायिक दंगे हो, लेकिन हमें उनकी साजिश का शिकार नहीं होना है, आपस में भाई चारे के साथ रहना है, उन्होंने कहा कि ये हमारे देश का दुर्भाग्य है कि भारत जैसे देश में अल्पसंख्यकों जिनमे ईसाई और अन्य समाज के लोग भी शामिल हैं। आदिवासियों और दलितों के साथ अत्याचार हो रहे हैं। इकबाल ने कहा कि सिर्फ दलित और आदिवासी होने के कारण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन में उद्घाटन के समय आमंत्रित नहीं किया गया। अगर उन्हें बुलाया जाता तो उनके हाथों उद्घाटन कराना पड़ता इससे मनुवादियों के विचार से संसद भवन अपवित्र हो जाता, इसलिए उन्हें राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा में भी नहीं बुलाया गया।
मणिपुर के संदर्भ में उन्होंने बताया की मणिपुर में ईसाइयों के गिरजाघरों को जलाया जा रहा है, महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है, कोई उनकी तरफ देखने वाला भी नहीं है,
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को लोकसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक पार्टी ने टिकट नहीं दिया ये तौहीन है कि उन्होंने मुसलमानों को लोकसभा का टिकट तक देना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने मुसलमानों से मतदान के दिन घरों से बाहर निकल कर वोट देने की अपील की है।