मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई बारिश में डूब जाएगी, ये सवाल मुंबईकरों को सताने लगा है। मुंबई महानगरपालिका का प्री-मानसून नाला सफाई का दावा फेल होता नजर आ रहा है। मानसून नजदीक है, ऐसे में मुंबई उपनगर के कई इलाकों के नाले और नदी कूड़ों के ढेर से भरी पड़ी है। जिसकी सुध लेने वाले मनपा अधिकारियों से लेकर सभी पार्टी के नेता लोकसभा चुनाव में व्यस्त हैं। नाला सफाई अभियान को टाक पर रख दिया गया है। नाले अब भी भरे हुए हैं जबकि मानसून से पहले इसे साफ़ किया जाना था। लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया है, ऐसे में कयास लगाए जा रहा कि फिर एक बार मुंबई इस साल डूब सकती है।
इसी क्रम में बात करें कांदिवली पूर्व पोईसर की तो यह स्लम इलाका है, जिसकी आबादी का आंकलन करे तो क़रीब 65 हज़ार से ज्यादा नागरिक पोयसर के झोपड़पट्टियों में रहते है। वर्तमान समय में पोयसर नदी की सफाई ना होने से स्थानीय जनता को पोयसर के डूबने का डर सता रहा है। पिछली बरसात को छोड़ दे तो अब तक की कई बरसात में पोयसर नदी में गंदगी भरे होने के कारण अनगिनत घरों को जल भराव का सामना करना पड़ा था।
जिसके चलते अनेकों परिवारों की बनी बनाई गृहस्थी कई बार उजड़ गई थी, जिसे बसाने में पीड़ित परिवारों को सालो लग गए। परन्तु बृहन्मुंबई महानगर पालिका इस तरह की घटनाओं को देखकर भी अनदेखा कर देती है। मानसून नजदीक है, तीन दिन पहले तेज आंधी के साथ आई बारिश के बाद से पोयसर नदी से सटे लोगों में भय का वातावरण निर्माण हो चुका है। अभी की स्थिति यह की पोयसर नदी में 1 किलोमीटर तक गंदगी कचरे का अंबार भरा हुआ है।
नदी की समय रहते सफाई नहीं की गई तो मानसून में फिर एक बार पोयसर निवासियों को जलभराव की परेशानी से जूझना पड़ सकता है। हालांकि इस विषय पर मनपा का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहा है और खुद को चुनाव में व्यस्त बता रहा है। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि मानसून नजदीक है, कम समय में नालों की सफाई पूर्ण रूप से संभव नहीं है। शायद फिर एक बार उन्हें बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
संजय जायसवाल (भाजपा नेता) ने नवभारत को बताया, बीएमसी हर साल पोईसर में 50% ही नदी नालों की सफाई करती है। वर्तमान समय में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, मैं जल्द ही मनपा अधिकारी से मिलकर नाले सफाई को पूरा करूंगा। वहीं राघवेंद्र मिश्रा (स्थानीय) का कहना है कि मानसून सिर पर है, नाली की गंदगी के कारण फिर एक बार पोयसर के निवासियों को बाढ़ का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि अभी तक नाले की सफाई का कार्य प्रारम्भ भी नहीं हुआ है, अधिकारी नेता चुनाव में व्यस्त है। प्रशासन को इस विषय को गंभीरता से लेने की जरुरत है। क्या मनपा लोगों की मौत के बाद नींद ही जागेगी।