भारत के महान फुटबॉल खिलाड़ी सुनील छेत्री ने 6 जून को होने वाले फीफा विश्वकप क्वालीफाइंग मैच के बाद इंटरनेशनल फुटबॉल को खाली करने का फैसला लिया है। 39 वर्ष की आयु में यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। अब बड़ा सवाल यह है कि देश में 9 नंबर की जर्सी के लिए ऐसा क्षमतावान खिलाड़ी कहां मिलेगा। सुनील छेत्री विशिष्ट हैं क्योंकि 2005 में इंटरनेशनल फुटबॉल में बॉल के बाद से पिछले 19 वर्षों में उन्होंने 94 गोल किये।
भारत के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा गोल किए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिस्टियानो और लियोनेल मेस्सी के बाद सुनील छेत्री का नाम सबसे ऊपर है। वह देश के सबसे बड़े स्ट्राइकर हैं। भारत के मशहूर फुटबॉल खिलाड़ियों में बालाजी गोस्वामी, तुलसीदास बलराम, पीके बेनी, जो पाल शालीरी, आईएम विजयन और वाइचुंग भूटिया के नाम रहे हैं लेकिन सुनील त्रिवेदी को हमेशा वन आर्मी मैन माना जाता है। भारतीय फुटबॉल जब पूरी तरह से पेशेवर बना तो इसमें सुनील ने चमकती चाली बनाई।
इसके पहले फुटबॉल के खिलाड़ियों को कहीं भी नौकरी नहीं दी जाती थी ताकि वे अपने फुटबॉल के शौक को पूरा कर सकें। छेत्री स्ट्राइकर के अलावा लेफ्ट और राइटविंग में भी प्रतियोगी हैं। उछलकर सिर से गेंद को मारना (हेडर) उनकी खाश्यात रही है। राष्ट्रीय टीम की ओर से वह 150 मैच खेल चुके हैं। 20 साल की उम्र में फुटबॉल खेल रहे सुनील छेत्री के साथ अब ऐसे युवा खिलाड़ी खेल रहे हैं जिनका जन्म 2002 या 2003 में हुआ था। उन्हें उम्मीद है कि वह अपना भूखापन सुनील छेत्री की परंपरा के सहायकों के बीच बेहतर प्रदर्शन करेंगे।