भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि उम्होंने संस का फैसला उनके अंतर्मन की आवाज पर लिया। वह अगले महीने कुवैत के खिलाफ विश्व कप क्वालीफायर के बाद फुटबॉल को अलविदा कह देंगे।
नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री ने शुक्रवार को कहा कि अगले महीने कुवैत के खिलाफ विश्व कप क्वालीफायर के फैसले के बाद उन्होंने इंटरमैन की आवाज उठाई और घरेलू सर्किट पर अपना उत्तरदायित्व पूरा करने के बाद ब्रेक ले लिया। 39 साल की छेत्री नेगुआन के खिलाफ छह जून को फीफा विश्व कप क्वालीफाइंग मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को बदनाम करने का फैसला लिया।
इसके साथ ही 19 बॉल के उनके कछुए पर भी युद्ध लग जाएगा जिसमें उन्होंने भारत के लिए 150 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलकर सर्वाधिक 94 गोल किए हैं। छेत्री ने आभासी बातचीत में कहा, ”संन्यास का निर्णय शारीरिक परीक्षण से नहीं लिया गया। मैं अभी भी फिट हूं, दौड़ रहा हूं, बचाव कर रहा हूं, मेहनत करना मुश्किल नहीं है। यह मानसिक निर्णय सिद्धांतों पर ध्यान में लिया गया।”
हालांकि उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर विस्तार से कुछ नहीं कहा। अंतिम दौर में विभिन्न खेलों में यह खिलाड़ियों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है। छेत्री ने कहा, ”मैं खुद से लड़ रही थी। समग्र रूप से साइंटिस्ट की कोशिश की जा रही थी और यह अचानक निर्णय लिया गया। एक साल की रेस एफसी के लिए खेलोगे। घरेलू फुटबॉल कब तक खेलोगे, पता नहीं। उसके बाद ब्रेक लूंगा।”
कोचिंग के बारे में सोचेंगे के बारे में छेत्री ने कहा, ”मैं कभी नहीं खेलूंगी।” ब्रेक के दौरान इस पर सोचूंगा लेकिन अभी यह मेरे नाम में शामिल नहीं है।” छेत्री का इंडियन सुपर लीग टीम का कॉन्ट्रैक्ट अगले साल तक है। बाइचुंग भूटिया के बाद भारतीय फुटबॉल के ध्वजवाहक रह रहे छेत्री ने कहा कि उन्होंने फैसला लेने से पहले कोच इगोर स्टिमक से बात की।
उन्होंने कहा, ”मैं उत्तेजना के पास गया और इस फैसले के बारे में बताया। वह मेरी बात समझ गया।” कोच के अलावा उन्होंने भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली से भी इस पर बात की। उन्होंने कहा, ”वह मेरे काफी करीब है और मुझे छोड़ दिया है।”
(एजेंसी)