आर्थिक राजधानी में वर्चस्व की लड़ाई
नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई: राज्य में लोकसभा चुनावों के 5 वें अंतिम चरण में सोमवार 13 सीटों पर पर मतदान हो रहा है। इन 13 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एवं एमएमआर की हैं। महायुती और एमबीए के लिए प्रतिष्ठा की मानी जाने वाली 10 सीटों पर कांटे की लड़ाई नजर आ रही है।
नेताओं की साख दांव पर
राज्य में बदली राजनीतिक सियासत के बीच हो रहे इस लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में नेताओं के बीच भारी घमासान दिखाई दिया है। मुंबई एमएमआर की 10 सीटों के लिए एनडीए व इंडिया गठबंधन के नेताओं के जमकर जोर आजमाइश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे,डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस व अन्य नेताओं ने एनडीए की तरफ से तो इंडिया अलाएंस के नेता उद्धव ठाकरे, शरद पवार, दिल्ली के सीएम सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आदि नेताओं ने जमकर मुंबई में पसीना बहाया। मुंबई और एमएमआर की 10 सीटों की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी ने एक दिन छोड़कर लगातार दो सभाएं व पहली बार मुंबई में रोड शो कर महायुती के उम्मीदवारों के लिए समर्थन मांगा।
शिंदे बनाम उद्धव
सोमवार को हो रहा मतदान कई मामलों में अलग माना जा रहा है। असली शिवसेना किसकी है, इसका फैसला सोमवार को जनता की अदालत में होने वाला है। मुंबई एमएमआर की 10 सीटों में से 5 सीटें ऐसी हैं, जहां शिंदे बनाम उद्धव की लड़ाई है। उल्लेखनीय है कि 2019 में अविभाजित शिवसेना के पास 10 में से 6 सीटें रहीं हैं। मुंबई एमएमआर में अच्छी खासी पकड़ वाली शिवसेना इस बार दो फाड़ होकर चुनाव लड़ रही है। विरासत और सियासत की इस जंग में सीएम शिंदे एवं उद्धव के भाग्य का फैसला होने वाला है। मुख्यमंत्री शिंदे के गढ़ वाले ठाणे जिले के कल्याण में उनके पुत्र डॉ श्रीकांत शिंदे की राह आसान नजर आ रही है, जबकि ठाणे लोकसभा सीट पर दोनों शिवसेना के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। मुंबई एमएमआर में 5 में से 3 सीटों पर मौजूदा सांसद शिंदे के तीर कमान के साथ हैं, जबकि 2 सीटों पर उद्धव की मशाल लेकर खड़े हैं।
बीजेपी-शिवसेना फिफ्टी फिफ्टी
मुंबई एमएमआर की 10 सीटों में से 5 सीटों पर शिंदे गुट के जबकि 5 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार हैं। बीजेपी का मुकाबला मुंबई की 2 सीटों पर उद्धव गुट के उम्मीदवार और 1 सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार से है। इसी तरह भिवंडी लोकसभा सीट पर बीजेपी का मुकाबला शरद पवार गुट के एनसीपी उम्मीदवार से जबकि पालघर की सीट पर उद्धव गुट के उम्मीदवार से हो रहा है।
पिछली बार सभी सीटें युति की
पिछली बार 2019 में मुंबई एमएमआर की सभी 10 सीटों पर अविभाजित शिवसेना और बीजेपी ने कब्जा किया था। 10 में से 6 सीटें अविभाजित शिवसेना और 4 सीटें बीजेपी के खाते में गई थी। इस लोकसभा चुनाव के बहाने आर्थिक राजधानी पर वर्चस्व की लड़ाई भी है। इस बार बदली हुई परिस्थितियों में मुंबई एमएमआर के मतदाता किस पर भरोसा जताते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा।