हालाँकि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के स्मारक के बारे में अभी तक कोई ठोस बात सामने नहीं आई है। लेकिन जिस तरह से इजराइली मीडिया में ईरान के राष्ट्रपति की शहादत पर जश्न मनाया जा रहा है और जिस तरह से इजराइली रब्बी इसे ईश्वर का न्याय बता रहे हैं, उनका मानना है कि काफी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जो दुर्घटनावश ईरानी की मौत हो गई राष्ट्रपति की मृत्यु से बेहद ख़ुशी है। इजराइल के एक रब्बी मीर अबुतबुल ने फेसबुक पर रईसी को ‘तेहरान का जल्लाद’ कहा और कहा, ‘यह शैतान यहूदियों को फांसी देना चाहता था, इसलिए ईश्वर ने उसे ज्वालामुखी दुर्घटना में नष्ट कर दिया, यह भी ईश्वर की सजा का एक रूप है ।’
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी, विदेश मंत्री सहित 9 लोगों के साथ जिस हेलिकॉप्टर में अजरबैजान से वापस ईरान आने के लिए सवार हुए थे, वह हेलिकॉप्टर अजरबैजान की सीमा के पार एक परत मंजूरी में दुर्घटनाग्रसत हो गया था। इसमें ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के अलावा ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती और पूर्वी अजरबैजान में ईरान के सर्वोच्च नेता आयत अयात अली खामनेई के प्रतिनिधि अयात मोहम्मद अली आलेहसैन भी सवार थे। ये सब लोग अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीएब के साथ अजरबैजान और ईरान द्वारा मिलकर तैयार किए गए एक साझी बांधा का उद्घाटन करके लौट रहे थे। फ़ोर्स की तलाश के बाद जब राहतकर्मी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां कोई भी राहत मिलने वाली खबर नहीं थी। वहां किसी के भागने की संभावना तो दूर, किसी शव की पहचान होने की भी स्थिति नहीं थी। इसलिए अब ईरान में राष्ट्रपति चुनाव हुए 50 दिन हो गए हैं।
बहुत पुराना हेलिकॉप्टर था
जो लोग इस दुर्घटना में प्लॉट के बू सूँघ रहे हैं, उनका मानना है कि जब तीन हेलिकॉप्टर एक साथ उड़े थे और दो एक ही विकैट सीज़न की गहराई में सुरक्षित रूप से ईरान के तय शहर तबरेज़ में ज़मीन हो गए थे, तो राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर क्यों चला गया उस ख़राब मौसम की बाधा को पार नहीं किया जा सका? अपुष्ट पासपोर्ट के अनुसार ईरानी राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर काफी पुराना और खंडहर था। आम तौर पर लॉटरी पैकेज के बीच में होता है और उसके आगे-पीछे या अगल बगल में उसकी सुरक्षा कैनवाई होती है। लेकिन यहां पर हेलीकाफ्टर को बेचने वाली कंपनी को पता ही नहीं चला? दूसरी बात यह है कि रोबोट जिन हेलीक्राफ्ट से उड़ान भरते हैं, उन्हें हार्डलैंडिंग की परिभाषा से सिद्धांत लेने के स्तर की आपूर्ति दी जाती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि हार्डलैंडिंग उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई विमान या हेलीक्राफ्ट खराब मौसम के कारण तेजी से जमीन में उतरता है या दूसरे शब्दों में जमीन से टकराता है।
ईरान में कई तरह के हेलीकॉप्टरों का ऑपरेशन होता है, जिनमें कुछ ऐसे भी हैं जो देश की इस्लामिक क्रांति यानी 1979 से भी पहले के हैं और जिस तरह से दशकों से ईरान में तरह-तरह के हमले का शिकार होना पड़ रहा है, माना जाता है कि उन जहाज़ों के कारण ईरान के जहाज़ों और जहाज़ों के ज़रूरी जहाज़ों में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, तो क्या ईरानी राष्ट्रपति के मृत जहाज़ों के अवशेष पैदा हुए लाचारी का नतीजा है? अगर ऐसा है तो ये सिर्फ इतना ही है बल्कि आगे के लिए भी बहुत बड़ी खतरनाक है, क्योंकि ईरान के ज्यादातर विमान और हेलीकॉप्टर काफी पुराने हैं और ये बात सामने आ रही है कि ये रख-रखाव एक समस्या है। इसलिए अगर ईरान के राष्ट्रपति के विमान से उपजी इस विमान और जहाज़ को उड़ाते हुए मृतकों का हिंडोले न साबित हो, तो ईरान को जल्द ही ऐसी जगह मिल गई।
राष्ट्रपति रईस के घुड़सवार दल के जो दो हेलीकॉप्टर सुरक्षित जमीन पर उतरे, उनमें से एक में ऊर्जा मंत्री अकबर महेबियन और आवास परिवहन मंत्री मेहरदाद बजरंगबली सवार थे और इन वृद्ध सैनिकों के साथ, हेलीकॉप्टर इन के क्रू ने ऐसी किसी भी स्थिति का सामना नहीं किया, जिससे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में दिक्कत आई हो, तो सवाल यह है कि मौसम फिर खराब था?
क्या व्याख्या की गई
कहीं ऐसा तो नहीं कि राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर को विशेष रूप से पेश किया गया हो? यह बात इसलिए भी सोची जा सकती है, क्योंकि ईरान के राष्ट्रपति पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्हें बेहद कट्टर माना जाता था और वे सर्वोच्च आयत आयत अली खामेनेई के करीबी भी माने जाते थे और उनके प्रतिवादियों को यह खतरा था कि वह खामनेई का उत्तराधिकारी भी हो सकते थे। इब्राहिम रईसी ईरान के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन पर कब्ज़ा करने से पहले ही अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसा माना जाता है कि वे ईरान के 1988 के खुफिया ट्रिब्यूनल का महत्वपूर्ण हिस्सा थे, जिसे डेथ कमेटी के रूप में जाना जाता है और जिसने ईरान के 5000 नेताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया था, जिसके कारण उन्हें फांग की सजा सुनाई गई थी। इसलिए न सिर्फ इजराइल के रब्बी बल्कि ईरान में भी लोगों का एक बड़ा तबका है जो उन्हें मौत का सौदागर और ‘ईरान का जल्लाद’ जैसे शब्दों से नवाजता था। 19 जून 2021 को ईरान के राष्ट्रपति बनने से पहले इब्राहिम राज़ी 2019 में ईरान के प्रमुख न्यायाधीश बने थे, उसी समय से अमेरिका ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसा माना जाता है कि 1994 में जब वह तेहरान के अभियोजक जनरल बने, तब से ईरान में फैंसी का तूफान आया था और इस तूफान में खतरनाक भूमिका का आकलन किया गया था। लब्बोलुआब यह कि न सिर्फ देश के बाहर बल्कि अंदर भी उनके दुश्मनों की बहुत लंबी फहरिस्त थी। इसलिए भी यह कहीं भी नहीं है, कहीं भी कोई भी रहस्य नहीं है।
– नरेंद्र शर्मा