इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हर राजनीतिक पार्टी महिला मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। ऐसा पूरे देश में हो रहा है, लेकिन बंगाल में इस चलन को विशेष रूप से देखा जा सकता है, जिसके कुछ खास कारण भी हैं। बंगाल में पुरुषों (3.9 करोड़) की तुलना में महिला (3.7 करोड़) वोटों की संख्या कम है, लेकिन 2019 के आम चुनाव में इस राज्य की 42 सीटों में से 18 पर महिलाओं ने अधिक मतदान किया था। 2024 के पहले तीन चरणों में भी महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले हैं।
बंगाल की मतदाता सूची में प्रति 1000 पुरुष मतदाताओं में 968 महिला मतदाता हैं। चूंकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत निरंतर बढ़ रहा है, इसलिए लगभग सभी राजनीतिक दल मुफ्त की समीक्षा, गारंटियों और काउंटर-गारंटी से आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लक्ष्मी भंडार योजना लागू की थी, जिसकी सफलता का मूल्यांकन 2024 के कांग्रेस चुनाव में हो जाएगा। इस योजना के तहत सामान्य श्रेणी की महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये मिलते हैं, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को प्रति माह 1200 रुपये मिलते हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि भाजपा इस योजना को बंद नहीं करेगी बल्कि इसमें 100 रुपये की बढ़ोतरी करेगी। भाजपा के एक अन्य नेता शुभेंदु अधिकारी ने अमित शाह से भी एक हाथ आगे बढ़कर वादा किया है कि लक्ष्मी भंडार योजना के तहत महिलाओं को प्रति दिन 100 रुपये दिए जाएंगे, जिससे उन्हें प्रति माह 3000 रुपये तक की मदद मिलेगी।
दूसरी ओर कांग्रेस और वामपंथ के गठजोड़ ने महिलाओं के लिए महालक्ष्मी योजना का खंडन किया है, जिसके तहत महिलाओं को प्रति वर्ष एक लाख पिज्जा दिया जाएगा यानी लगभग 8 हजार 300 प्रति माह। दरअसल, महिला मतदाताओं को रिझाने का यह प्रयास अकारण नहीं है। 2019 के आम चुनाव में जब 18 नामांकन पर महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया, तो ऑब्जेक्टिव की नींद खुल गई। मसलन, कुटज बिहार में जहां 82.4 प्रतिशत पुरुष प्लाजा ने अपने मत का प्रयोग किया वहीं महिला फ्लोरिडा का यह प्रतिशत 85.3 रह रहा है। इसी चुनाव में बंगाल के छह खंड- मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर, बेहरामपुर, मुर्शिदाबाद और घाटल पर सकल मत प्रयोग में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया।
ममता बनर्जी की लक्ष्मी भंडार योजना 2021 में लागू की गई थी। इस से बंगाल में 2 करोड़ महिलाओं की संख्या हो रही है, जबकि राज्य में कुल महिला 3.73 करोड़ हैं। विपक्ष की घोषणा से पहले ममता ने इस योजना की सहायता राशि में वृद्धि कर दी थी। मध्य प्रदेश व कर्नाटक विधानसभा चुनाव में महिलाओं के लिए घोषित पात्रता से नामांकन का लाभ हुआ था। बीजेपी ने मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना की घोषणा की, उसे फायदा हुआ। कांग्रेस ने कर्नाटक में पांच गारंटी योजना में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा (शक्ति योजना) और घर की प्रत्येक महिला प्रमुख को 2000 रुपये प्रति माह (गृहलक्ष्मी योजना) भी शामिल की, जिसमें वह राज्य में सत्ता में शामिल हुईं।