कल्याणी नगर की घटना पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर हादसा किसी ट्रक या कैब चालक से होता तो वह सालों तक जेल में रहता, लेकिन अमीर व्यक्ति के बेटे के लिए न्याय दूसरा है और कांग्रेस इसी व्यवस्था को बदलना चाहती है।
मुंबई/छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि पुणे में किशोर की संलिप्तता वाले कार हादसे का ‘राजनीतिकरण’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘शोभा’ नहीं देता है। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने फडणवीस से सवाल किया कि क्या कार हादसे की घटना के बाद उनका पुणे दौरा का उद्देश्य मामले में जांच एजेंसियों को बचाना था।
कल्याणी नगर की घटना पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर हादसा किसी ट्रक या कैब चालक से होता तो वह सालों तक जेल में रहता, लेकिन अमीर व्यक्ति के बेटे के लिए न्याय दूसरा है और कांग्रेस इसी व्यवस्था को बदलना चाहती है। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी।
इस मामले में राहुल गांधी के वीडियो संदेश के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, “पुलिस सही दिशा में काम कर रही है। लेकिन फैसला (तेज रफ्तार कार चला रहे किशोर को जमानत देने का) किशोर न्याय बोर्ड ने लिया।” फडणवीस महाराष्ट्र का गृह विभाग भी संभाल रहे हैं।
फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, “पुणे पुलिस ने फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है। हादसे का राजनीतिकरण करना राहुल गांधी को शोभा नहीं देता है। यह सही नहीं है कि सभी चीजों को वोट के चश्मे से देखा जाए। यदि गांधी के पास सही जानकारी नहीं है तो उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।”
किशोर न्याय बोर्ड ने हादसे के महज कुछ घंटों के बाद 17 वर्षीय आरोपी को 300 शब्द का निबंध लिखने को कहा और उसके बाद उसे जमानत दे दी। दानवे ने आरोप लगाया कि फडणवीस ने पुणे का दौरा घटना को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा होने के बाद किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, “क्या उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पुणे दौरा जांच एजेंसियों की गलतियों को छिपाने के लिए था। सोशल मीडिया मंच पर हंगामा होने के बाद ही फडणवीस पुणे गए, अन्यथा उन्हें ओडिशा या दिल्ली में चुनाव प्रचार करते देखा जाता।”
महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “फडणवीस तब कहां थे जब एक वरिष्ठ अधिकारी के रिश्तेदार ने जानबूझकर ठाणे में एक महिला को अपनी कार से टक्कर मार दी थी। इस मामले में उसे (पीड़िता को) अदालत जाना पड़ा। तो सवाल उठता है कि फडणवीस किसके फायदे के लिए पुणे गए थे?” इस बीच, फणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस भी किशोर न्याय बोर्ड द्वारा ‘नरम रुख’ अपनाए जाने की आलोचना करने वालों में शामिल हो गई हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “मेरी संवेदनाएं अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा के परिजनों के प्रति है। दोषी को सख्त सजा दी जानी चाहिए। किशोर न्याय बोर्ड को धिक्कार है।”