
मनोज जारंगे-पाटिल के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन अपने तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। मुंबई का आजाद मैदान प्रदर्शनकारियों से खचाखच भर गया है, जो मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को लेकर एकजुट हैं। रविवार होने के बावजूद, पूरे राज्य से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंचे, जिससे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (C.S.M.T.) और उसके आसपास भारी भीड़ हो गई।
यातायात पर असर और पुलिस की तैयारी। इस विरोध प्रदर्शन का मुंबई के यातायात पर काफी असर पड़ा है। महापालिका मार्ग और जेजे फ्लाईओवर जैसे प्रमुख रास्ते बंद कर दिए गए हैं, और यातायात को वैकल्पिक रास्तों पर मोड़ा गया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया है, ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे और जरूरी वाहनों की आवाजाही जारी रहे। विरोध प्रदर्शन के कारण सीएसएमटी जंक्शन के पास भारी भीड़ देखी गई, जबकि लगभग 200 वाहन आजाद मैदान के पास खड़े हैं।
मनोज जारंगे-पाटिल का संकल्प। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जारंगे-पाटिल ने 29 अगस्त को घोषणा की थी कि जब तक मराठा आरक्षण पर कोई ठोस फैसला नहीं हो जाता, तब तक वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे। प्रदर्शनकारियों का यह दृढ़ संकल्प दिखाता है कि वे अपनी मांग को लेकर कितने गंभीर हैं। हालांकि, जारंगे की तबीयत कथित तौर पर बिगड़ने की खबरें भी आ रही हैं, जिससे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है कि यह आंदोलन और भी तेज़ हो सकता है।
अगर यह विरोध प्रदर्शन अगले सप्ताह तक जारी रहता है, तो इससे दक्षिण मुंबई के दफ्तरों में काम करने वाले लोगों को काफी परेशानी हो सकती है। पुलिस ने संभावित व्यवधानों से निपटने के लिए सोमवार से ही तैयारी शुरू कर दी है, जिसका मकसद प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करते हुए आम जनता की असुविधा को कम करना है।



