
डोंबिवली में मौत का धमाका: 37 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जलकर राख, 13 जिंदगियां हमेशा के लिए खामोश °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° मुंबई/डोंबिवली, 18 नवंबर: वो दोपहर थी 23 मई 2024 की। अमुदन केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के बॉयलर में अचानक जोरदार धमाका हुआ। एक पल में पूरा फैक्ट्री परिसर आग का गोला बन गया। आसमान में काले धुएं का गुबार उठा और 5 किलोमीटर दूर तक लोग सहम गए। उस एक झटके में 13 मजदूरों की जिंदगी खत्म हो गई, 60 से ज्यादा घायल हो गए और डोंबिवली MIDC का फेज-2 इलाका मानो युद्धक्षेत्र बन गया।
आज, छह महीने बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के सामने जो आंकड़े पेश किए गए, वो दिल दहला देने वाले हैं। जिला कलेक्टर और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) ने हलफनामे में बताया है कि इस हादसे से कुल 37 करोड़ 7 लाख 94 हजार 493 रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें सिर्फ फैक्ट्री की संपत्ति नहीं, आसपास की 337 व्यावसायिक इकाइयां तबाह हो गईं। दुकानें, गोदाम, छोटे-बड़े कारखाने – सब कुछ मलबे में बदल गया।
हलफनामे में लिखा है – विस्फोट से निकला जहरीला धुआं हवा में 8 किलोमीटर तक फैला आसपास की नदियों और नालों में केमिकल युक्त पानी बह गया , जमीन के नीचे का पानी (ग्राउंडवाटर) भी प्रदूषित हो गया , दर्जनों घरों की छतें उड़ गईं, खिड़कियां-दरवाजे टूट गए लोग आज भी उस दिन को याद करके कांपते हैं। एक चश्मदीद ने बताया, “धमाका ऐसा हुआ जैसे आसमान फट गया हो। मेरी दुकान पर लोहे की भारी बीम गिरी थी। सब कुछ जलकर खाक हो गया। आज तक दुकान नहीं खोल पाया।”
NGT ने सख्त लहजे में राज्य सरकार और MPCB से पूछा है – आखिर इतने बड़े केमिकल प्लांट में सेफ्टी ऑडिट कब हुआ था? अवैध तरीके से चल रही इकाइयों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? जो 37 करोड़ का नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कौन करेगा? अधिकरण ने कंपनी मालिकों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर भारी जुर्माना वसूलने और प्रभावितों को मुआवजा देने का आदेश देने की तैयारी कर ली है।
डोंबिवली के लोग अब एक ही सवाल पूछ रहे हैं –
“कितने और धमाके, कितनी और लाशें, तब जाकर हमारे इलाके में केमिकल कारखानों की मनमानी रुकेगी?”




