
डोंबिवली में चुनाव से ठीक पहले बड़ा हथियारों का जखीरा जब्त: राजनेता संरक्षित अपराधी को धर दबोचा!
बृजभूषण निषाद / संवाददाता
डोंबिवली। आगामी विधानसभा चुनावों की हलचल के बीच कानून-व्यवस्था को पुख्ता रखने के लिए सतर्क कल्याण क्राइम ब्रांच ने एक सनसनीखेज कार्रवाई को अंजाम दिया है। एक कुख्यात अपराधी को डोंबिवली से गिरफ्तार कर लिया गया, जो घातक हथियारों की बिक्री की तैयारी में था। उसके कब्जे से 3 देसी पिस्तौलें, जिंदा कारतूस और तलवारें जैसा खतरनाक हथियारों का भंडार बरामद हुआ है।
क्राइम ब्रांच की इस सफलता का श्रेय आरोपी रोशन झा को जाता है, जो हथियारों के सौदागर के रूप में जाना जाता है। पुलिस को मिली गुप्त सूचना के मुताबिक, झा देसी पिस्तौलें और अन्य खतरनाक हथियारों को बाजार में उतारने की फिराक में था। सहायक पुलिस उपनिरीक्षक दत्ताराम भोसले को यह टिप मिली थी, जिसके बाद कार्रवाई की रूपरेखा तैयार हुई।
सूचना के आधार पर, क्राइम ब्रांच के दिग्गज अधिकारी सर्जेराव पाटिल के नेतृत्व में एक विशेष दस्ते ने डोंबिवली पूर्व के देसले पाड़ा स्थित गोकुलधाम टावर में जाल बिछाया। आरोपी इसी इमारत में रहता था, इसलिए पुलिस ने उसके ठिकाने पर धावा बोल दिया और उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के दौरान झा के पास से बरामद हथियारों का जखीरा देखकर पुलिसकर्मी भी दंग रह गए। इसमें शामिल हैं: 3 देसी पिस्तौलें, 3 जिंदा कारतूस, 2 मैगजीन, 1 खंजर, 2 चाकू और 2 तलवारें। ये हथियार न केवल घातक हैं, बल्कि चुनावी माहौल में अराजकता फैलाने के लिए परफेक्ट हथियार साबित हो सकते थे।रोशन झा कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि एक शातिर अपराधी है। उसके खिलाफ उल्हासनगर के विभिन्न थानों में पहले से ही 7 गंभीर मामले दर्ज हैं – हत्या, मारपीट से लेकर अन्य अपराधों तक। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि झा को कुछ स्थानीय राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त होने की खबरें सामने आ रही हैं। चुनावों के नजदीक ऐसी गिरफ्तारी ने इस मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है। क्या यह कोई बड़ा रैकेट है? हथियारों का स्रोत कहां है? और झा इन्हें किसे बेचने वाला था? – इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए कल्याण क्राइम ब्रांच की टीम जोर-शोर से जांच में जुट गई है।
यह कार्रवाई न केवल अपराधियों को कड़ा संदेश देती है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित रखने की पुलिस की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है। क्या आगे और खुलासे होंगे? आने वाले दिनों में तहकीकात से और राज खुल सकते हैं। डोंबिवली की सड़कों पर अब शांति का राज कायम रहे, यही उम्मीद है।




