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शीर्षक: कांदिवली में तीन नाबालिग लड़कों के यौन शोषण के दोषी को 20 साल की सजा
मुंबई: पॉक्सो (POCSO) कानून के तहत गठित एक विशेष अदालत ने कांदिवली निवासी 53 वर्षीय व्यक्ति को तीन नाबालिग लड़कों का यौन शोषण करने के मामले में दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला दिसंबर 2018 का है और सभी पीड़ितों की उम्र 12 वर्ष से कम थी।
अदालत ने आरोपी पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से ₹15,000 रुपये एक पीड़ित को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।
ऐसे हुआ मामला उजागर
यह अमानवीय घटना तब सामने आई जब 24 दिसंबर 2018 को एक पीड़ित बच्चे ने अपनी मां को बताया कि आरोपी ने उसे चॉकलेट का लालच दिया, आँखों पर पट्टी बांधकर ‘छिपन-छिपाई’ के बहाने उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया। पीड़ित की मां ने 26 दिसंबर को चारकोप पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया।
इसके बाद अन्य दो बच्चों के माता-पिता भी सामने आए, जिनके बच्चों के साथ भी आरोपी ने इसी तरह का व्यवहार किया था। आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार किया गया और तब से वह न्यायिक हिरासत में है।
अदालत की सुनवाई
अदालत के सामने एक पीड़ित ने गवाही दी कि वह आरोपी के साथ कैरम खेला करता था। खेल खत्म होने के बाद आरोपी कभी-कभी उसे इनाम देता और फिर छिपने-छिपाई के बहाने उसका शोषण करता।
मामले की सुनवाई के दौरान एक अन्य पीड़ित की मृत्यु हो गई, जिसके कारण वह गवाही नहीं दे सका।
न्याय की ओर एक मजबूत कदम
विशेष अदालत ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट किया कि बच्चों के प्रति ऐसा अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और दोषी को कड़ी सजा देना समाज में एक सख्त संदेश देता है।
संपादकीय टिप्पणी:
यह मामला न केवल बच्चों की सुरक्षा को लेकर समाज की जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि सतर्क माता-पिता और त्वरित पुलिस कार्रवाई के कारण न्याय संभव हुआ।
रिपोर्टर: जागरूक संवाददाता
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