
डोम्बिवली में 2020 में किया था घिनौना अपराध, कोर्ट ने सामाजिक प्रभाव को माना अहम
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने एक सनसनीखेज मामले में 17 वर्षीय नाबालिग रिश्तेदार के साथ बलात्कार करने वाले व्यक्ति को 20 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह निर्णय पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत दोष सिद्ध होने के बाद सुनाया गया।
विशेष न्यायाधीश ए. डी. हार्ने ने आरोपी जीवन अशोक वाडविंदे को दोषी ठहराते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराध समाज पर गहरा प्रभाव डालते हैं, विशेषकर जब वे महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ होते हैं। आरोपी पर ₹20,000 का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से ₹18,000 पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।
अपराध का विवरण:
यह मामला 5-6 जुलाई 2020 की रात का है, जब डोम्बिवली इलाके में आरोपी ने अपने रिश्तेदार के घर पर ठहरी नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया। यह जघन्य अपराध तब सामने आया जब पीड़िता गर्भवती हो गई और उसने परिवार को घटना की जानकारी दी।
अदालत की टिप्पणी:
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता का बयान, चिकित्सकीय रिपोर्ट और उसका जन्म प्रमाण पत्र यह स्पष्ट रूप से साबित करता है कि वह उस समय नाबालिग थी। इस केस में अदालत ने पीड़िता की गवाही को बेहद विश्वसनीय माना और इसे निर्णय का आधार बनाया।
मुआवजा और आगे की सिफारिश:
अदालत ने ठाणे जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण से भी सिफारिश की है कि वह पीड़िता को और अधिक मुआवजा देने पर विचार करे, ताकि उसे जीवन में आगे बढ़ने में सहायता मिल सके।
यह फैसला एक महत्वपूर्ण नज़ीर है कि नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों पर अदालतें गंभीर रुख अपनाते हुए त्वरित और सख्त न्याय सुनिश्चित कर रही हैं।
(22 मई का यह आदेश शनिवार को सार्वजनिक किया गया था)
> न्याय की यह मिसाल समाज में महिला और बच्चों की सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त संदेश देती है।