महाराष्ट्र कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट
आदित्य ठाकरे ने वर्तमान भाजपा-शिंदे सरकार को आड़े हाथों लिया

महाराष्ट्र में मूसलधार बारिश से तबाही: आठ लोगों की मौत, कई जिलों में बाढ़ का कहर
मुंबई, 28 मई: महाराष्ट्र पिछले तीन दिनों से मूसलधार बारिश की चपेट में है, जिससे राज्य के कई जिलों में भारी तबाही हुई है। अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो चुकी है और दो घायल हैं, जिनका इलाज सरकारी अस्पतालों में जारी है।
मृतकों में पुणे से तीन, जलना से दो और मुंबई, रायगढ़ तथा अहिल्यानगर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। मौतें बिजली गिरने, दीवार गिरने, पेड़ गिरने और डूबने जैसी घटनाओं के कारण हुई हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट बैठक में मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने और आपदा मानदंडों के अनुसार फसल के नुकसान की भरपाई का निर्देश दिया है। उन्होंने क्षतिग्रस्त घरों, बुनियादी ढांचे और कृषि भूमि का शीघ्र मूल्यांकन करने को भी कहा है।
मराठवाड़ा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित
मराठवाड़ा में लातूर और अहिल्यानगर में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लातूर में 206.5 मिमी और अहिल्यानगर में 201.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। खेतों और घरों में पानी भरने से भारी कृषि नुकसान हुआ है। रेना और वालुम्बा नदियों में उफान के कारण कई लोग फंसे, जिनमें से 15 को सुरक्षित बचा लिया गया।
कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर के लिए रेड अलर्ट तथा रायगढ़, सतारा, पुणे घाट, चंद्रपुर और गडचिरोली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें तैनात
राज्य में 18 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें तैनात की गई हैं, जिनमें से 10 मानसून आपात स्थितियों के लिए हैं। मुंबई, ठाणे, गडचिरोली और नांदेड़ सहित अन्य जिलों में भी टीमें सक्रिय हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की छह टीमें भी मुस्तैद हैं। बारिश से मवेशियों की आठ मौतों की भी सूचना मिली है।
मुंबई में जलभराव और राजनीति गर्माई
मुंबई को भीषण जलभराव का सामना करना पड़ा, जहां ब्रीच कैंडी में सड़क धंस गई और मंत्रालय परिसर में पानी भर गया। इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। मुंबई के संरक्षक मंत्री आशीष शेलार ने पूर्व महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार पर बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में देरी का आरोप लगाया और श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने वर्तमान भाजपा-शिंदे सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “मई की बारिश के बावजूद कोई तैयारी नहीं की गई।” उन्होंने मुआवजे की मांग करते हुए शिंदे सरकार पर “कुशासन” और जल निकासी प्रणाली की अनदेखी का आरोप लगाया।