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सरस्वती मंदिर एजुकेशन ट्रस्ट में सीबीएसई संबद्धता के नाम पर 75.5 लाख की ठगी

ट्रस्टी व सचिव समेत छह के खिलाफ मामला दर्ज

मुंबई: सरस्वती मंदिर एजुकेशन ट्रस्ट में सीबीएसई संबद्धता के नाम पर 75.5 लाख की ठगी, पूर्व ट्रस्टी व सचिव समेत छह के खिलाफ मामला दर्ज

मुंबई, : माहिम पुलिस ने सरस्वती मंदिर एजुकेशन ट्रस्ट के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों तथा दो निजी कंसल्टेंसी फर्मों के मालिकों के खिलाफ कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए सीबीएसई संबद्धता प्राप्त करने के नाम पर 75.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन लोगों ने ट्रस्ट को झूठे वादों के जाल में फंसाकर भारी रकम ऐंठ ली, लेकिन संबद्धता का कोई काम नहीं किया।

ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी और वर्तमान सचिव संजय काशीनाथ सुखतंकर (69 वर्ष), पूर्व समिति सदस्य मंगेश नारायण राजाध्यक्ष (67 वर्ष), पूर्व ट्रस्टी अनिल पाई कोकड़े (77 वर्ष), पूर्व अध्यक्ष विनय भगवंत रेगे (79 वर्ष) तथा अनुपमा खेतान (43 वर्ष) पर यह संगीन आरोप लगाए गए हैं। अनुपमा खेतान परिभाषा एजुकेशनल सर्विसेज और शाश्वत सॉल्यूशंस नामक दो कंसल्टेंसी फर्मों की मालिक हैं। इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316(2), 318(4) एवं 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।      पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामला तब सामने आया जब ट्रस्ट के वर्तमान पदाधिकारियों ने संबद्धता प्रक्रिया में देरी पर सवाल उठाए। जांच में पता चला कि 2022 से 2024 के बीच आरोपी संजय सुखतंकर ने ट्रस्ट को सीबीएसई संबद्धता दिलाने का भरोसा देकर कंसल्टेंसी फर्मों के माध्यम से कुल 75.50 लाख रुपये वसूले। इसमें से 30 लाख रुपये परिभाषा एजुकेशनल सर्विसेज को, 20 लाख शाश्वत सॉल्यूशंस को तथा शेष राशि अन्य खर्चों के नाम पर ली गई। लेकिन न तो कोई दस्तावेज जमा किए गए और न ही संबद्धता प्राप्त हुई।माहिम पुलिस ने शिकायत पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी संजय सुखतंकर वर्तमान में ट्रस्ट के सचिव हैं, जबकि अन्य पूर्व पदाधिकारी हैं। पुलिस का कहना है कि जांच में वित्तीय लेन-देन के रिकॉर्ड, ईमेल और मीटिंग मिनट्स की पड़ताल की जा रही है। यदि दोष सिद्ध हुआ तो सभी आरोपी गिरफ्तार हो सकते हैं।

ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने बच्चों के भविष्य के लिए यह कदम उठाया था, लेकिन विश्वासघात की वजह से संस्था को भारी नुकसान हुआ। अब कानूनी कार्रवाई से न्याय की उम्मीद है।” यह घटना निजी शैक्षिक संस्थाओं में संबद्धता प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है।

माहिम थाने के वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि जांच तेजी से चल रही है और जल्द ही आरोपी पक्ष से पूछताछ की जाएगी।

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