
मुंबई: वक्फ उमीद पोर्टल अवैध और अदालत की अवमानना – ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान
मुंबई, 5 जून 2025: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र सरकार द्वारा 6 जून से शुरू किए जा रहे ‘वक्फ उमीद पोर्टल’ को अवैध बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करार दिया है। बोर्ड का कहना है कि सरकार का यह कदम उस समय उठाया जा रहा है जब वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इस संबंध में कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार एक विवादित कानून के आधार पर पोर्टल शुरू कर रही है और इसके ज़रिये वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य कर रही है। विपक्षी दल पहले ही इस कानून को खारिज कर चुके हैं।”
AIMPLB ने स्पष्ट किया कि वह सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। बोर्ड का कहना है कि पंजीकरण की प्रक्रिया उस अधिनियम पर आधारित है, जिसकी संवैधानिक वैधता को लेकर पहले ही अदालत में चुनौती दी जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के वक्फ अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है।
बोर्ड ने देशभर के मुसलमानों और राज्य वक्फ बोर्डों से अपील की है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर अपना फैसला नहीं देता, तब तक वे वक्फ उमीद पोर्टल पर कोई पंजीकरण न करें। साथ ही, AIMPLB ने सभी राज्य वक्फ बोर्डों के प्रशासकों से औपचारिक नोटिस जारी कर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
पृष्ठभूमि:
वक्फ उमीद पोर्टल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को डिजिटली पंजीकृत करना है। लेकिन AIMPLB का कहना है कि जब तक वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक इस पोर्टल का शुभारंभ संवैधानिक नियमों और न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन होगा।