अंतिम संस्कार से पहले जिंदा हो गया ‘मृत’ घोषित बुज़ुर्ग
उल्हासनगर अस्पताल में बड़ी लापरवाही: अंतिम संस्कार से पहले जिंदा हो गया ‘मृत’ घोषित बुज़ुर्ग

🛑 उल्हासनगर अस्पताल में बड़ी लापरवाही: अंतिम संस्कार से पहले जिंदा हो गया ‘मृत’ घोषित बुज़ुर्ग
परिजनों ने उठाए मेडिकल सिस्टम पर सवाल, डेथ सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच की मांग
📍 उल्हासनगर, ठाणे | संवाददाता – जागरुक मुंबई न्यूज़
ठाणे जिले के उल्हासनगर से एक रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक निजी अस्पताल ने 65 वर्षीय बुज़ुर्ग को गलती से मृत घोषित कर दिया और परिजनों को बाकायदा डेथ सर्टिफिकेट तक सौंप दिया। लेकिन जब परिजन शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे, तभी बुज़ुर्ग अचानक होश में आ गए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
📌 क्या है पूरा मामला?
अभिमान तायडे (65 वर्ष), जिन्हें सांस की तकलीफ के चलते उल्हासनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां के डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल ने परिवार को डेथ सर्टिफिकेट भी सौंप दिया, जिसके बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी।
लेकिन जैसे ही परिजन उन्हें नहला रहे थे, उन्होंने अचानक आंखें खोलीं और सांस लेना शुरू कर दिया। यह देख परिवार वाले दंग रह गए। तुरंत उन्हें वापस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर भी हैरान रह गए।
🩺 अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने बिना ठीक से जांच किए उन्हें मृत घोषित कर दिया, जिससे न सिर्फ मानसिक आघात हुआ, बल्कि जान भी खतरे में पड़ सकती थी।
परिवार ने संबंधित डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
🕵️♂️ जांच शुरू, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
उल्हासनगर पुलिस और नगर निगम ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भी घटना का विवरण मांगा है, और संभवत: अस्पताल का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है।
🔍 क्यों है यह मामला गंभीर?
यह मामला एक व्यक्ति की जिंदगी से जुड़ा ही नहीं है, बल्कि मेडिकल सिस्टम की लापरवाही और जवाबदेही को भी उजागर करता है।
क्या कोई डॉक्टर सिर्फ मशीन पर भरोसा करके किसी को मृत घोषित कर सकता है?
क्या बिना ECG, Brain Activity और Vital Signs की पुष्टि किए ऐसा फैसला लेना कानूनी है?
📣 जनता में आक्रोश
स्थानीय नागरिक संगठनों और मेडिकल अधिकार मंच ने इस पर नाराज़गी जताई है और सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशानिर्देश बनाने की मांग की है।
📌 जागरुक मुंबई न्यूज़ इस घटना की पूरी जानकारी आप तक पहुँचाता रहेगा।
📰 अगर आपके पास भी मेडिकल लापरवाही से जुड़ा कोई अनुभव या शिकायत है, तो हमें ज़रूर लिखें।