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भाजपा नेता जनार्दन म्हात्रे की 44 करोड़ की संपत्ति जब्त,

ईडी का बड़ा एक्शन: भाजपा नेता जनार्दन म्हात्रे की 44 करोड़ की संपत्ति जब्त, वन भूमि घोटाले में कसा शिकंजा

📰 जागरूक मुंबई न्यूज़ हेडलाइन रिपोर्ट | वन भूमि घोटाला

📍 मुंबई/पनवेल:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े वित्तीय और भू-घोटाले में भाजपा नेता जनार्दन मोरू म्हात्रे और उनकी कंपनी जे.एम. म्हात्रे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर कड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 44 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 16.5 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं।

इस कार्रवाई के दौरान म्हात्रे के निजी खातों में 23.62 लाख रुपये और उनकी फर्म के 42.17 करोड़ रुपये की सावधि जमा (FD) भी जब्त की गई। यह कार्रवाई पनवेल की वन भूमि के अवैध अधिग्रहण और उसके बाद हुए फर्जीवाड़े को लेकर हुई है।

क्या है पूरा मामला?

यह घोटाला रायगढ़ जिले के पनवेल तालुका के मौजे वहल क्षेत्र की 152.3 हेक्टेयर की सरकारी वन भूमि से जुड़ा है।

जांच में सामने आया है कि म्हात्रे और सह-आरोपी सैयद वाजिद अली शाह कादरी ने मिलकर भूमि अभिलेखों में हेरफेर कर वन विभाग की भूमि को निजी नामों पर दर्ज कराया और फिर:

उसे बैंक ऑफ बड़ौदा (पनवेल शाखा) में गिरवी रखकर 207 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया।

बाद में एनएचएआई को ज़मीन बेच दी और 52 करोड़ रुपये का मुआवज़ा भी ले लिया।

कौन-कौन है घेरे में?

आरोपी लाभांश जब्त संपत्ति

जनार्दन म्हात्रे ₹42.4 करोड़ ₹44 करोड़ चल संपत्ति + ₹23.62 लाख नकद

सैयद कादरी ₹9.69 करोड़ ₹1.37 करोड़ बैंक बैलेंस + ₹23 लाख म्यूचुअल फंड + ₹16.5 लाख नकदी

ईडी की जांच में सामने आया:

कोई पुनः सर्वेक्षण नहीं हुआ, न ही राजस्व या वन विभाग से मंज़ूरी ली गई।

1975 के महाराष्ट्र निजी वन (अधिग्रहण) अधिनियम के तहत भूमि राज्य सरकार की थी।

गिरवी रखने और मुआवज़ा लेने की प्रक्रिया पूरी तरह अवैध और धोखाधड़ीपूर्ण थी।

फर्जी कागज़ात और बैंकिंग नेटवर्क के जरिए धन का लेयरिंग और डायवर्जन किया गया।

🧾 कानूनी कार्रवाई:

यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत दर्ज किया गया है और आगे और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

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