
महाराष्ट्र में बाइक टैक्सी चालकों को वैधीकरण के बावजूद आरटीओ की बाधाओं से जूझना पड़ रहा है
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार का अवसर देने के उद्देश्य से हाल ही में ई-बाइक टैक्सी सेवाओं को वैध कर दिया है। महाराष्ट्र बाइक टैक्सी नियम, 2025 के तहत न्यूनतम किराए को आधिकारिक मंजूरी भी मिल चुकी है। इसके बावजूद, बाइक टैक्सी चालकों को अपने वाहनों का व्यावसायिक पंजीकरण कराने में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई चालक, जिन्होंने इस घोषणा के बाद उत्साह के साथ फिर से सड़कों पर उतरना शुरू किया, अब आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) की नौकरशाही देरी और असंगत प्रक्रियाओं में उलझ गए हैं।
आरटीओ अधिकारियों की अनभिज्ञता से बढ़ी दिक्कतें अपना बाइक टैक्सी एसोसिएशन का कहना है कि ताड़देव, अंधेरी, ठाणे, वाशी, कल्याण और बोरीवली जैसे प्रमुख आरटीओ कार्यालयों में कर्मचारी नए पंजीकरण नियमों से अनजान हैं। परिणामस्वरूप, आवेदनों को या तो बार-बार खारिज किया जा रहा है या उन्हें अनिश्चितकाल तक लंबित रखा जा रहा है।
चालक हुए निराश कई चालकों का आरोप है कि मौजूदा स्थिति उनकी आजीविका पर सीधा असर डाल रही है। “हम सरकार के नियमों का पालन कर रहे हैं, लेकिन आरटीओ की असंगत प्रक्रिया हमें काम करने से रोक रही है,” एक चालक ने बताया। आयुक्त से हस्तक्षेप की मांग इस भ्रम और देरी से परेशान बाइक टैक्सी चालकों ने परिवहन आयुक्त को औपचारिक अपील सौंपी है। उन्होंने कहा है कि यदि जल्द ही हस्तक्षेप नहीं हुआ तो हज़ारों लोग बेरोजगार रह जाएंगे। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था न केवल अक्षम है, बल्कि कम आय वाले लोगों को अनुचित रूप से दंडित कर रही है, जो कानून के तहत आजीवि का कमाना चाहते हैं।



