
मुंबई कस्टम ने अंतरराष्ट्रीय उड़ान से 36 विदेशी जीव बरामदे, ₹1.7 करोड़ विदेशी मुद्रा जब्त
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई कस्टम विभाग ने रविवार को बैंकॉक से आ रहे एक यात्री के सामान से 36 दुर्लभ विदेशी जानवर बरामद किए और अलग कार्रवाई में शनिवार को दो यात्रियों से लगभग ₹1.7 करोड़ के बराबर विदेशी मुद्रा जब्त की गई। दोनों घटनाएँ हवाई अड्डे पर अलग-अलग ऑपरेशनों के दौरान सामने आईं।
मुख्य बातें : बैंकॉक से लौट रहे एक भारतीय यात्री के सामान में छिपाए गए 36 जानवर बरामद। जब्त किए गए जीवों में स्क्विरल मंकी, रैकोन, इगुआना, मॉनिटर लिज़र्ड और बीयर्डेड ड्रैगन शामिल।
वन विभाग ने बताया कि तीन जानवर मृत मिले, जबकि कुछ दम घुटने और भूख से पीड़ित थे।जानवरों को RAWW (Resqink Association for Wildlife Welfare) को सौंपकर संरक्षण व आवश्यक देखभाल के लिए भेजा गया। अलग मामले में दो यात्रियों से अमेरिकी डॉलर बरामद — प्रत्येक के पास लगभ|ग ₹53.68 लाख के समतुल्य। दोनों यात्रियाँ UAE (अबू धाबी व फुजैरा) के लिए रवाना होने वाले थे। कस्टम अधिकारियों ने मोडस-ऑपरेण्डी (modus operandi) में समानता और एक ही गंतव्य होने पर संदेह जताया।
विस्तार: कस्टम अधिकारियों ने कहा कि बैंकॉक-आगमन फ्लाइट से उतरे यात्री के चेक-इन बैगेज की जांच के दौरान संदिग्ध गतिविधि के चलते सामान खोला गया, जहाँ 36 छोटे-बड़े जीव छिपाए हुए पाए गए। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “जब्त किए गए जीवों में विविध प्रजातियाँ थीं — कुछ स्तनपायी तो कुछ रेंगने वाले। दुर्भाग्यवश तीन की मौत हो चुकी थी और कुछ की हालत चिंताजनक थी।”
जानवरों को तुरंत स्थानीय वन्यजीव विशेषज्ञों और NGO RAWW के हस्तांतरण के बाद प्राथमिक चिकित्सा और देखभाल के लिए भेजा गया। अधिकारी ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी; बरामद जीवों को अंततः संबंधित देश को डिपोर्ट किया जा सकता है। दूसरे मामले में, कस्टम की टीम ने दो अलग-अलग यात्रियों के हैंडबैग से क्रमशः अमेरिकी डॉलर की बड़ी राशियाँ बरामद कीं। हर यात्री के पास मिली रकम का भारतीय रुपये में समतुल्य लगभग ₹53.68 लाख बताया जा रहा है — कुल मिलाकर लगभग ₹1.7 करोड़। दोनों यात्रियों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ जारी है। कस्टम अधिकारी ने कहा कि दोनों मामलों में पध्दति में समानता और एक ही गंतव्य होने के कारण यह संभावना है कि यह एक संगठित तस्करी नेटवर्क से जुड़ा हो।
अधिकारियों का बयान: एक कस्टम अधिकारी ने कहा, “हमें दोनों मामलों में व्यवस्थित तस्करी के लक्षण मिल रहे हैं। आगे की जांच से ही नेटवर्क के अन्य कड़ियों का खुलासा हो सकता है।” वन विभाग के अधिकारी ने जोड़ा, “यह पार्क-वन्यजीव संबंधी अपराध की गंभीर अनुसंधान मांगता है — खासकर मानव-निर्मित दबाव और अवैध व्यापार को रोकने के लिए।”




