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12 साल से फरार महिला आरोपी की गिरफ्तारी

कानून का दायरा कभी छोटा नहीं होता।

12 साल से फरार महिला आरोपी की गिरफ्तारी कानून का दायरा कभी छोटा नहीं होता।

मुंबई के डॉ. दा. भ. मार्ग पुलिस स्टेशन (DB Marg PS) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। 2013 में पंजीकृत एक पुराने मामले में, जिसमें पीआईटीए (अनैतिक तस्करी निवारण अधिनियम, 1956) के तहत गंभीर आरोप लगे थे, 12 साल से फरार चल रही एक महिला आरोपी को आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 11 अक्टूबर 2025 को की गई, जो पुलिस की दृढ़ता और अंतर-राज्यीय सहयोग का एक उदाहरण है। मामला की शुरुआत (2013): यह मामला 2013 में DB Marg PS में दर्ज किया गया था। आरोपी महिला पर अनैतिक तस्करी (महिलाओं और बच्चों के शोषण से जुड़े अपराध) के आरोप थे, जो पीआईटीए अधिनियम के अंतर्गत आते हैं। यह अधिनियम मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति और इससे जुड़े अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया है। आरोपी ने अपराध के बाद संपर्क से बाहर हो गई और 12 वर्षों तक फरार रही।

फरारी का कारण: आरोपी ने अपनी पहचान छिपाने और कानून से बचने के लिए लगातार स्थान बदलते रहने का सहारा लिया। इस दौरान वह आंध्र प्रदेश के कडप्पा क्षेत्र में छिपी हुई थी।

गिरफ्तारी की प्रक्रियागै र-जमानती वारंट (NBW): हाल ही में सत्र अदालत ने आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। यह वारंट जारी होते ही DB Marg PS की टीम ने तुरंत सक्रियता दिखाई। पुलिस ने पुराने रिकॉर्ड्स, खुफिया जानकारी और डिजिटल ट्रेल्स का सहारा लिया।

जांच और ट्रैकिंग: वारंट जारी होने के बाद, पुलिस टीम ने गहन जांच शुरू की। उन्होंने आरोपी के संभावित ठिकानों पर नजर रखी और आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया। कडप्पा के स्थानीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण सहायता से टीम ने आरोपी का सटीक पता लगा लिया। यह ऑपरेशन गुप्त रूप से चलाया गया ताकि आरोपी को भागने का मौका न मिले । गिरफ्तारी: आंध्र प्रदेश पहुंची मुंबई पुलिस टीम ने आरोपी को उसके छिपने के स्थान से बिना किसी विरोध के हिरासत में ले लिया। आरोपी को मुंबई लाया गया, जहां उसे अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने इस सफलता पर अपनी वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया, जिन्होंने टीम को बधाई दी।  गिरफ्तारी न केवल पुराने मामले को बंद करने में मदद करेगी, बल्कि पीआईटीए अधिनियम जैसे कानूनों के तहत फरार अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है। आरोपी पर अब अदालत में सुनवाई होगी, जहां सजा के प्रावधान कठोर हैं – इसमें 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है, साथ ही जुर्माना।

मुंबई पुलिस ने इस उपलब्धि को सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम के साथ आरोपी महिला की फोटो भी शामिल है। यह घटना अंतर-राज्यीय पुलिस सहयोग की मिसाल है और अपराधियों को चेतावनी देती है कि कानून का दायरा कभी छोटा नहीं होता।

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