
विक्रोली के वकील पर दुष्कर्म और पेशेवर कदाचार का आरोप; बार काउंसिल में शिकायत दर्ज
मुंबई | विक्रोली स्थित एक महिला ने 34 वर्षीय अधिवक्ता राजू राजदेव बरई पर दुष्कर्म और पेशेवर दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला की ओर से महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में दाखिल शिकायत में कहा गया है कि अधिवक्ता ने कानूनी सहायता देने के नाम पर उसकी कमज़ोरी का फ़ायदा उठाया और उसका यौन शोषण किया।
पीड़िता ने बताया कि वह अपने पति के खिलाफ दर्ज घरेलू हिंसा के मामले में कानूनी सलाह लेने के लिए बरई से मिली थी। शिकायत के अनुसार, अधिवक्ता ने मामले की “संवेदनशीलता” का हवाला देते हुए बैठकों के लिए होटल के कमरे बुक करने पर ज़ोर दिया। आरोप है कि इसी बहाने उसने महिला के साथ यौन संबंध बनाए और कानूनी मदद का झूठा भरोसा दिलाया। महिला की शिकायत में यह भी कहा गया है कि जुलाई 2025 में पार्क साइट पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। इसके अलावा, पूछताछ करने पर वकील द्वारा उसके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया गया है।
शिकायत में बरई के व्यवहार को “गैर-पेशेवर, अनैतिक और आपराधिक” करार देते हुए कहा गया है कि उनका आचरण अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 35 का गंभीर उल्लंघन है। साथ ही, भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 64(2)(F) (यौन उत्पीड़न), धारा 68 (आपराधिक बल) और धारा 69 (बिना सहमति के कृत्य) के तहत उनके खिलाफ आपराधिक अपराध बनते हैं।
पीड़िता के मुताबिक, इस घटना से उसे गंभीर मानसिक और भावनात्मक आघात हुआ है। बार काउंसिल के समक्ष शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता श्रीराम चिंदारकर कर रहे हैं। दूसरी ओर, अधिवक्ता राजू बरई ने सत्र न्यायालय में दायर अपनी जमानत याचिका में सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। याचिका में कहा गया है कि शिकायतकर्ता उनके साथ जान-बूझकर सेल्फी लेती थी और बाद में पैसों की मांग कर ब्लैकमेल करती थी। बरई ने यह भी आरोप लगाया कि महिला ने उनसे अपनी पत्नी को तलाक देकर स्वयं से शादी करने की मांग की थी।
मामले की जांच पुलिस और बार काउंसिल दोनों स्तरों पर जारी है।




