राज और उद्धव ठाकरे पहली बार एक मंच पर
मराठी भाषा की जीत का उत्सव: वर्ली में ‘मराठी विजय दिवस’, राज और उद्धव ठाकरे पहली बार एक मंच पर

📰 जागरूक मुंबई न्यूज़ | मराठी अभिमान विशेष रिपोर्ट
( संवाददाता नितिन गुजराल )
मुंबई — महाराष्ट्र में स्कूलों में हिंदी भाषा की अनिवार्यता के सरकारी आदेश को पीछे हटाने के बाद, अब राज्य की राजनीति एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच गई है। 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में आयोजित होने जा रहा है ‘मराठी विजय दिवस’, जो केवल एक रैली नहीं बल्कि मराठी अस्मिता की जीत का प्रतीक बन चुका है।
इस रैली की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि पहली बार राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक ही मंच पर दिखाई देंगे। दोनों ठाकरे बंधुओं की ओर से समर्थकों को संयुक्त निमंत्रण भेजा गया है, जिससे यह साफ हो गया है कि यह आयोजन केवल मराठी भाषा का नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी होगा।
पहले यह कार्यक्रम 5 जुलाई को हिंदी अनिवार्यता के खिलाफ आंदोलन के रूप में घोषित किया गया था। लेकिन ठीक मानसून सत्र से पहले, 29 जून को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने त्रि-भाषा नीति संबंधी आदेश को वापस ले लिया, जिसे विपक्ष ने अपनी जीत के रूप में देखा।
🗣 उद्धव ठाकरे का ऐलान: उद्धव ठाकरे ने तुरंत घोषणा करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम अब “विजय रैली” के रूप में आयोजित होगा, जो मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा की दिशा में एक बड़ी जन-भावनात्मक सफलता मानी जा रही है।
📍 स्थान: एनएससीआई डोम, वर्ली
🕙 समय: 5 जुलाई, सुबह 10 बजे
👥 उपस्थिति: राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे, विपक्षी दलों के कई नेता
🧭 राजनीतिक संदेश:
इस रैली से न सिर्फ मराठी अस्मिता को बल मिलेगा, बल्कि यह राज्य में राजनीतिक समीकरणों को भी हिला सकता है। दोनों ठाकरे नेताओं की यह सांझा उपस्थिति भविष्य की संभावित एकता की ओर भी संकेत देती है।
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