
📰 जागरूक मुंबई न्यूज़
सरकार की नई नीति की चर्चा ने बढ़ाई गाड़ियों के मालिकों की चिंता, जानिए सच्चाई क्या है?
मुंबई: सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों के अनुसार, अब 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप से फ्यूल नहीं दिया जाएगा। इस खबर ने वाहन मालिकों के बीच हड़कंप मचा दिया है। लेकिन क्या यह खबर पूरी तरह सच है? “जागरूक मुंबई न्यूज़” ने इस दावे की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की।
📜 क्या है सरकारी नीति?
भारत सरकार ने 2021 में वाहन स्क्रैपेज नीति (Vehicle Scrappage Policy) लागू की थी। इसके तहत:
15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहन और
10 वर्ष से पुराने डीजल वाहन
को सड़क से हटाने की योजना बनाई गई है, यदि वे फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाएं।
इसके अलावा, यदि वाहन का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं होता, तो उसे चलाना अवैध माना जाएगा।
🏙️ मुंबई और दिल्ली-NCR में सख्ती
दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर:
10 साल से पुराने डीजल वाहन
15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन
पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं। मुंबई में फिलहाल ऐसा कोई सीधा प्रतिबंध लागू नहीं है, लेकिन RTO द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है।
⛽ क्या वाकई नहीं मिलेगा फ्यूल?
नहीं। अभी तक केंद्र या राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई स्पष्ट आदेश नहीं आया है कि पुराने वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा।
हालांकि पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए यह विचार भविष्य में नीतिगत रूप से अपनाया जा सकता है।
कुछ राज्यों ने सुझाव दिया है कि “अवैध, पॉल्यूटिंग या अनफिट वाहनों को पेट्रोल पंप पर फ्यूल न दिया जाए”, लेकिन यह केवल प्रस्ताव स्तर पर है — लागू नहीं।
🗣️ वसई निवासी गणेश पाटिल कहते हैं,
> “मेरी गाड़ी 12 साल पुरानी है, लेकिन अब भी अच्छी हालत में है। अगर फ्यूल मिलना बंद हो गया, तो आम आदमी कहां जाएगा?”
वहीं, पर्यावरण कार्यकर्ता मेधा नाइक का कहना है,
> “पुराने वाहनों को हटाना ज़रूरी है, लेकिन सरकार को पहले लोगों को इलेक्ट्रिक या CNG विकल्प सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने चाहिए।”
✅ पुरानी गाड़ियों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने नियम बनाए हैं।
❌ लेकिन फिलहाल फ्यूल देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
🔜 भविष्य में यह नीति आ सकती है, लेकिन तब तक कोई घबराने की जरूरत नहीं।
🔚 जागरूक रहिए, सूचित रहिए।
जुड़े रहिए “जागरूक मुंबई न्यूज़” के साथ।