ठाणे निवासी रवींद्र मुरलीधर वर्मा गिरफ्तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों

ठाणे निवासी रवींद्र मुरलीधर वर्मा को गिरफ्तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों
भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में ठाणे निवासी गिरफ्तार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से जुड़ाव का खुलासा
मुंबई, 29 मई 2025 — महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने राष्ट्रीय सुरक्षा के एक गंभीर उल्लंघन का भंडाफोड़ करते हुए ठाणे निवासी 27 वर्षीय रवींद्र मुरलीधर वर्मा को गिरफ्तार किया है। वर्मा पर सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों (पीआईओ) को भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील और वर्गीकृत जानकारी लीक करने का आरोप है।
रवींद्र वर्मा, जो क्रास्नी डिफेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में जूनियर मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत था, एक ऐसी निजी कंपनी में काम करता था जो भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के जहाजों की मरम्मत और रखरखाव का कार्य करती है। वर्मा को मुंबई स्थित प्रतिबंधित नौसेना डॉकयार्ड क्षेत्रों तक पहुंच प्राप्त थी।
वर्गीकृत जानकारी का लीक और रोमांटिक जाल
एटीएस जांच में सामने आया है कि वर्मा ने नवंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच नौसेना के युद्धपोतों और पनडुब्बियों की दोष रिपोर्ट, परिचालन स्थिति और मरम्मत विवरण जैसी जानकारी व्हाट्सऐप के माध्यम से साझा की। यह जानकारी कथित रूप से दो पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव्स को भेजी गई, जो सोशल मीडिया पर नकली महिला पहचान के साथ सक्रिय थे।
सूत्रों के मुताबिक, इन एजेंटों ने फेसबुक के माध्यम से वर्मा से संपर्क साधा और एक भावनात्मक रिश्ता बनाकर उसे संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित किया। दोनों एजेंटों ने भारतीय नौसेना और युद्धपोतों में रुचि दर्शाते हुए वर्मा से डॉकयार्ड की आंतरिक जानकारी, युद्धपोतों की स्थिति और पनडुब्बियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
गंभीर सुरक्षा उल्लंघन
यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि नौसेना डॉकयार्ड के भीतर मोबाइल फोन के सख्त प्रतिबंध के बावजूद, वर्मा ने इन नियमों की अवहेलना करते हुए तस्वीरें, रिपोर्ट्स और गोपनीय जानकारी साझा की। बातचीत की आड़ में ऑपरेटिव्स ने उससे लगातार रणनीतिक जानकारी निकलवाई, जिससे देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया।
कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी
मिली खुफिया जानकारी के आधार पर एटीएस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वर्मा को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3(1)(बी) और 5(ए) तथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे अदालत में पेश किया गया, जहां 2 जून तक एटीएस हिरासत में भेज दिया गया। इसके साथ ही दो पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों पर भी जासूसी की साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है।
निष्कर्ष
यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया के माध्यम से जासूसी का खतरा अब और अधिक गंभीर रूप ले चुका है। भारतीय सुरक्षा बलों में कार्यरत कर्मियों के लिए यह एक सख्त सबक है कि वे अपने डिजिटल व्यवहार में सतर्कता बरतें और किसी भी अनधिकृत संचार से बचें।